माइग्रेन
यदि आप माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो आप जानते हैं कि माइग्रेन में होने वाला सिरदर्द बहुत तकलीफ दायक होता है। माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जिसमें सिर के दोनों या एक ओर रुक रुक कर भयानक दर्द होता है। माइग्रेन 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। माइग्रेन सिरदर्द दूसरें सिरदर्द की तुलना में अधिक होता है। माइग्रेन मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या है। शरीर में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) का उत्पादन भी माइग्रेन का कारण हो सकता है। माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है।
माइग्रेन के लक्षण इस प्रकार हैं –
सिर में फड़कता हुआ माइग्रेन दर्द ज्यादातर सिर के एक हिस्से से शुरू होता है।
जो लोग माइग्रेन के सिरदर्द से पीड़ित हैं वे आमतौर पर नियमित गतिविधियों को करने में असमर्थता, आंखों में दर्द, मतली और उल्टी भी अनुभव करते हैं।
वे प्रकाश, ध्वनि और गंध परिवर्तनों के प्रति अति संवेदनशील हो सकते हैं।
दिन भर बेवजह उबासी आना भी माईग्रेन का लक्षण है।
माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित लोगों को ऑरा (Aura) का अनुभव होता है। उन्हें संवेदना की अस्थायी कमी या पिंस और सुईया चुभने की भावना महसूस होती है।
माईग्रेन का दर्द होने पर नींद अच्छे से नहीं आती है। थकान महसूस होती है लेकिन नींद नहीं आती है।
माईग्रेन के दौरान आंखों में भी भयानक दर्द होता है। पलकें झपकाने में भी बहुत जलन होती है।
सिरदर्द के साथ मतली, उल्टी आना भी माईग्रेन के लक्षण होते हैं।
माईग्रेन के दौरान मूड में परिवर्तन बहुत तेजी से होता है। कुछ मरीज़ अचानक बिना किसी के कारण बहुत ही उदास महसूस करते हैं या कभी ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं।
माइग्रेन का दर्द होने से पहले, कुछ लोगों की खाद्य पदार्थों के लिए लालसा बढ़ जाती है।
नियमित गतिविधियों जैसे घूमना या सीढ़ियों पर चढ़ने से माइग्रेन का दर्द बदतर भी हो सकता है।
माईग्रेन में बार-बार मूत्र त्याग की आवश्यकता अनुभव करना भी इसका एक लक्षण है।
हार्मोनल परिवर्तन है माइग्रेन का कारण – Migraines Caused by Hormones in Hindi
किसी महिला के शरीर में होने वाले मेजर हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन सिरदर्द की शुरुआत में योगदान कर सकते हैं। मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे विभिन्न कारणों से एक महिला के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। अस्थिर हार्मोनल स्तर कभी-कभी सिरदर्द का कारण हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार माइग्रेन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है।
तनाव के कारण होता है माइग्रेन – Migraines Triggered by Stress in Hindi
तनाव को माइग्रेन सिरदर्द के साथ जोड़ा गया है। तनाव का आपके मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी मस्तिष्क कुछ पदार्थों को रिलीज करता है जो माइग्रेन सिरदर्द पैदा कर सकते हैं। अत्यधिक नींद या पर्याप्त नींद नहीं मिलना भी माइग्रेन का एक कारण माना जाता है।
कैफीन के कारण हो सकती है माइग्रेन की शुरुआत – Migraine Due to Caffeine in Hindi
यह पाया गया है कि जो लोग कैफीन पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं, वे बहुत ज़्यादा सिरदर्द का अनुभव करते हैं जब वे अचानक कैफीन लेना बंद कर देते हैं। कॉफी का अत्यधिक सेवन अचानक से बंद करना भी इसका एक कारण हो सकता है।
वातावरण में परिवर्तन है माइग्रेन का कारण – Migraine Headaches Due to Environmental Factors in Hindi
वातावरण में परिवर्तन भी माइग्रेन का एक मुख्य कारण माना जाता है। कभी-कभी अत्यधिक तेज ध्वनि और शोर माइग्रेन सिरदर्द का कारण बन सकता है। अस्थिर रोशनी और अधिक बदबू भी गड़बड़ी पैदा कर सकती है। अत्यधिक धूप से भी माइग्रेन सिरदर्द हो सकता है। तापमान में परिवर्तन जैसे अत्यधिक गर्मी या अत्यधिक ठंड का मौसम भी माइग्रेन का एक कारण हो सकता है।
शराब का दुष्परिणाम है माइग्रेन सिरदर्द – Alcohol Causes Migraines in Hindi
धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन भी माइग्रेन को पैदा करने के लिए काम कर सकते हैं। आहार भी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है जैसे मीठे खाद्य पदार्थ चॉकलेट। बेहद मसालेदार और गर्म भोजन खाने से समस्याएं हो सकती है।
माइग्रेन से बचाव – Prevention of Migraine in Hindi
पूरे विश्व में हर साल अरबों लोग माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या से पीड़ित होते हैं। हालांकि माइग्रेन एक बहुत ही सामान्य विकार है। इसका सही कारण और इलाज अभी तक स्थापित नहीं हुआ है। हार्मोनल परिवर्तन, तनाव आदि माइग्रेन के सिरदर्द के कारण माने जाते है। अपनी जीवनशैली को ध्यान में रख कर इस समस्या को बड़ी मात्रा में नियंत्रित किया जा सकता है। आज हम आप को कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिनसे आपको माइग्रेन की समस्या में बहुत लाभ होगा।
माइग्रेन से बचने का उपाय संतुलित आहार का सेवन –
माइग्रेन के दर्द के इलाज के लिए पर्याप्त नींद लें –
माइग्रेन की समस्या में एक्सरसाइज करें –
माइग्रेन सिरदर्द में अत्यधिक दवा का सेवन न करें –
माइग्रेन की समस्याओं के लिए शोर से बचें –
माइग्रेन से बचने का उपाय संतुलित आहार का सेवन –
यह कई बार देखा गया है कि यदि आप संतुलित आहार का सेवन करते है तो माइग्रेन के सिरदर्द की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। हम लोग हमेशा अपने आहार में चॉकलेट, पनीर, सोया उत्पादों, कैफीन, शराब, आदि को शामिल करते हैं। अगर आप को माइग्रेन ही समस्या है तो इन में से किसी भी आहार का सेवन न करें। इसके अलावा, मैग्नीशियम में समृद्ध हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। खट्टे फल के सेवन से बचें। ताज़ा पका हुआ खाना ही खाएं और बासी बचे हुए आहार का सेवन न करें। हाइड्रेटेड रहने के लिए पूरे दिन में कम से कम 7 गिलास पानी का सेवन करें। कुछ मामलों में कॉफी का सेवन सिर दर्द की समस्या से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। लेकिन अगर कॉफी को अपने आहार में शामिल करते हैं तो इसमें मौजूद कैफीन माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकती है। बहुत नमक के साथ तले हुए भोजन के सेवन से बचने की कोशिश करें। अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों को शामिल करें। शराब के सेवन से बचें क्योंकि यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है। एक और महत्वपूर्ण बात जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए। भोजन को कभी भी छोड़े नहीं। हमेशा निश्चित समय पर उचित आहार का सेवन करें और सिरदर्द की संभावना को कम करें।
माइग्रेन के दर्द के इलाज के लिए पर्याप्त नींद लें – Sleep Good For Migraines In Hindi
अपना पसंदीदा टीवी सीरियल देखने के लिए रात में जागना माइग्रेन की समस्या के लिए अच्छा नहीं है। नींद का अभाव माइग्रेन के लिए ट्रिगर के रूप में काम करता है। यह माइग्रेन की समस्या को और बढ़ा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए निश्चित समय पर हर दिन पर्याप्त नींद आवश्यक है। पर ज्यादा सोना भी आप के शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
माइग्रेन की समस्या में एक्सरसाइज करें – Exercise Helps Relieve Migraines In Hindi
आप जानते हैं माइग्रेन दर्द के लिए तनाव ट्रिगर के रूप में कार्य करता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए एक्सरसाइज बहुत ही अच्छा तरीका है। एक्सरसाइज आप के तनाव और नकारात्मक विचार को खत्म करने में मदद करती है। जब वर्कआउट करते हैं तो आपके शरीर से अच्छा हार्मोन निकलता है जिसके कारण मनोदशा सुधरती है। योग आपके आंतरिक तनाव को दूर करने के लिए बहुत ही अच्छा तरीका है। यह मन को आराम दिलाने और तनाव को शांत करने में मदद करता है।
माइग्रेन सिरदर्द में अत्यधिक दवा का सेवन न करें – Avoid Excessive Medication For Migraine In Hindi
यदि कोई व्यक्ति जो असहनीय दर्द का अनुभव करता हैं तो उसे दर्द से निजात पाने के लिए दवा की आवश्यकता होती है इस स्थिति में भी दवा लेने से पहले एक बार सोचना चाहिए। यदि आप दवा का सेवन बहुत ज्यादा और बार बार कर रहे है तो इससे स्थिति बिगड़ सकती हैं। अपने माइग्रेन के उपचार में उपयोग करने वाले दवा के बारे स्वास्थ्य और उसके हानिकारक परिणाम के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
माइग्रेन की समस्याओं के लिए शोर से बचें – Avoid Environmental Triggers For Migraine In Hindi
यदि आप माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं तो आप शायद उन चीजों से बचना चाहिए जो सिरदर्द का कारण बन सकता है। इसके लिए जगमगाती रोशनी, बहुत अधिक शोर और बहुत अधिक सूर्य की रोशनी वाले क्षेत्रों से बचने की कोशिश करना चाहिए।
माइग्रेन का परिक्षण कैसे करें?
अगर आपको माइग्रेन है या आपके पारिवारिक इतिहास में माइग्रेन रहा है, तो स्नायु-विशेषज्ञ (neurologist) आपके माइग्रेन का निदान आपके मेडिकल इतिहास, लक्षण, शारीरिक और स्नायविक परिक्षण के अनुसार करेंगे।
अगर आपकी स्थिति असामान्य और जटिल है या आपका दर्द एकदम अपने आप बढ़ जाता है, तो डॉक्टर आपको और परिक्षण कराने की सलाह देंगे जिससे कि वह आपके होने वाले दर्द के संभावित कारणों का पता लगा सकें।
1. खून की जांच (Blood Test) – डॉक्टर आपको खून की जांच कराने के लिए कह सकतें हैं, जिसमे nimnlikhit kaarakon के बारे में जांच की जायेगी –
आपकी रक्त कोशिकाओं से संबंधित कोई दिक्कत
रीढ़ की हड्डी या दिमाग में संक्रमण
आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों ka star
2. मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging; MRI) – मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग से डॉक्टर निम्नलिखित स्थिति का पता लगा सकतें हैं। जैसे कि –
ट्यूमर (tumors)
स्ट्रोक (stroke)
दिमाग में खून बहना
संक्रमण
दिमागी और तंत्रिका तंत्र की स्थिति
3. कंप्यूटराइज्डटोमोग्राफी (सीटी) स्कैन (Computerized tomography (CT) scan) – इससे डॉक्टर सिरदर्द के निम्नलिखित कारकों के बारे में पता लगा सकते हैं –
ट्यूमर
संक्रमण
मस्तिष्क को कोई क्षति
मस्तिष्क में रक्तस्राव
अन्य संभावित चिकित्सा समस्या
4. स्पाइनल टैप (spinal tap; रीढ़ की हड्डी में से तरल पदार्थ इकठ्ठा करके उसे जांचना) – यदि डॉक्टर को संक्रमण, मस्तिष्क में खून बहने, या अन्य गंभीर स्थिति का संदेह हो, तो डॉक्टर आपको स्पाइनल टैप कराने का सुझाव दे सकतें हैं।
इस प्रक्रिया में, मस्तिष्कमेरु तरल पदार्थ का एक सैंपल निकालने के लिए निचले हिस्से में दो कशेरुकाओं (vertebrae) के बीच एक पतली सुई डाली जाती है। इस तरल पदार्थ की जाँच फिर एक लब में की जाती है।
माइग्रेन का उपचार कैसे करें?
माइग्रेन का इलाज उसके लक्षणों को और भविष्य में माइग्रेन के हमलों को रोकने में मदद कर सकता है।
बहुत सारी दवाएं माइग्रेन के इलाज के लिए उपलब्ध हैं। कुछ दवाएं अक्सर अन्य बीमारियों का इलाज करती हैं जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत या उसे रोकने में मदद मिलती है।
माइग्रेन को ठीक करने वाली दवाएं दो श्रेणियों में आती हैं –
दर्द निवारक दवाएं – इस प्रकार की दवाओं को माइग्रेन के हमलों के दौरान लिया जाता है और ये माइग्रेन के लक्षणों को रोकने के लिए बनाई गई है।
निरोधक दवाएं – इस तरह की दवाएं नियमित रूप से रोज़ से ली जाती हैं, ताकि सिरदर्द की गंभीरता को कम किया जा सके और बार- बार होने से रोका जा सके।
आपके इलाज की कार्यनीति आपकी स्थिति पर निर्भर करती है – सिरदर्द कितनी बार होता है, कितना गंभीर होता है, उसकी वजह से कितनी परेशानी होती है, और अन्य मेडिकल समस्याएं।
अगर आप गर्भावस्था में है या स्तनपात कराते है तो आपको दवाई लेने की सलाह नहीं दी जाती। कुछ दवाइयां बच्चों को नहीं दी जाती हैं। डॉक्टर आपको सही दवाई ढूंढ़ने में मदद करेंगे।
दर्द निवारक दवाइयां
जैसे ही आपको माइग्रेन के लक्षण दिखे तुरंत दर्द निवारक दवा लें। दवा खाकर अंधेरे कमरे में आराम करके भी दर्द में राहत मिल सकती है । दवाइयां जैसे कि –
दर्द निवारक – एस्पिरिन या आइबुप्रोफेन (Aspirin or ibuprofen), एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) हल्के माइग्रेन में राहत देने में मदद कर सकते हैं। दवाइयां जो कि विशेष रूप से माइग्रेन के दर्द को ठीक करने के लिए दी जाती हैं – जैसे कि एसिटामिनोफेन (acetaminophen), एस्पिरिन (aspirin) और कैफीन (caffeine) के संयोजन से बनी दवाइयाँ – भी मध्यम माइग्रेन के दर्द में आराम दिला सकतें हैं।
ट्राइप्टेंस (Triptans) – इन दवाओं का अधिकतर माइग्रेन के इलाज में उपयोग किया जाता है। ट्राइप्टेंस माइग्रेन से जुड़े दर्द और अन्य लक्षणों से प्रभावी ढंग से राहत दिलाती हैं। यह गोली, नाक का स्प्रे और इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध हैं। ट्रिपटन दवाओं में शामिल हैं सुमात्रीप्टन (sumatriptan)।
इरगॉट (Ergots) – आर्गोडामाइन और कैफीन के संयोजन से बनी दवाएं ट्राइप्टेंस से कम प्रभावी हैं। जिनका दर्द 48 घंटों से अधिक समय तक रहता है, उन लोगों में इरगॉट सबसे प्रभावी होते हैं। माइग्रेन के लक्षणों के शुरू होने के तुरंत बाद इरगॉट लेना बहुत प्रभावी होता है। आर्गोडामाइन (Ergotamine) आपके माइग्रेन से जुड़ीं समस्याएं जैसे कि जी मिचलाना और उल्टी को और भी बदतर कर सकती है, और इस दवा का ज़्यादा इस्तेमाल सिरदर्द भी पैदा कर सकता है।
डायहाइड्रोएरोगाटामिन (Dihydroergotaminel) – यह इरगॉट दवाओं का एक रूप है जो अधिक प्रभावशाली होता है। यह नाक का स्प्रे और इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है।
ओपियोइड दवाओं (Opioid medications) – ओपियोइड दवाओं में नशीली दवाएं होती हैं, (खासतौर पर कोडाइन (codeine)) इनका कभी-कभी उन लोगों के माइग्रेन के दर्द का इलाज करने के लिए उपयोग होता हैं। जो त्रिपटन या एर्गट्स नहीं ले सकते हैं।
ग्लूकोकार्टोइकोड्स (Glucocorticoids) जैसे कि प्रीनिसिसोन (prednisone) – दर्द से राहत में सुधार करने के लिए ग्लूकोकॉर्टीकॉइड का इस्तेमाल दूसरी दवाओं के साथ किया जा सकता है।
निरोधक दवायें
आप निरोधक दवाएं तब ले सकते हैं जब –
आप पर महीने में चार बार से ज़्यादा गंभीर माइग्रेन के हमले हो रहे हों
हमले 12 घंटे से ज़्यादा लंबे चलते हैं
दर्द निवारक दवाई से कोई असर नहीं पड़ रहा हो
आपके माइग्रेन के लक्षणों में लंबे समय तक सुन्नता और कमजोरी शामिल है
निरोधक दवाएं दर्द के बार बार होने को, गंभीरता और माइग्रेन की अवधि को कम कर सकती हैं, और माइग्रेन के हमलों के दौरान उपयोग किए जाने वाली दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ा सकती हैं। आपके लक्षणों में सुधार देखने में कई सप्ताह लग सकते हैं।
माइग्रेन की रोकथाम के लिए सबसे आम दवाओं में शामिल हैं –
कार्डियोवास्कुलर ड्रग्स (Cardiovascular drugs) – बीटा ब्लॉकर, जो सामान्यतः हाई बीपी का इलाज और कोरोनरी धमनी रोग का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है, वे माइग्रेन के दर्द के बार बार होने को और गंभीरता को कम कर सकते हैं।
माइग्रेन को रोकने के लिए बीटा ब्लॉकर्स प्रोप्रानोलोल (beta blockers propranolol, others) – मेटोप्रोलोल टार्ट्रेट (metoprolol tartrate) और टाइमोलोल (timolol) प्रभावी साबित हुए हैं। अन्य बीटा ब्लॉकर्स (beta blockers) को कभी-कभी माइग्रेन के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इन दवाइयों को लेने के बाद माइग्रेन के लक्षणों में सुधार आने में कई हफ्तों तक लग सकते हैं।
अगर आपकी उम्र 60 साल से ज़्यादा हैं, और तम्बाकू खातें हैं, या कोई हृदय या रक्त कोशिकाओं की बिमारी है, तो डॉक्टर आपको दूसरी दवाइयां लेने की सलाह देंगे।
हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कार्डियोवास्कुलर दवाओं (कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स; calcium channel blockers) का एक अन्य वर्ग भी माइग्रेन को रोकने और लक्षणों से राहत पाने में सहायक हो सकता है। वेरापामिल (Verapamil) एक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर है जो माइग्रेन के साथ जुडी दिक्कतों को रोकने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, ऐस इन्हीबिटर (ACE inhibitors) दवा लिसिनोप्रिल (lisinopril) सिरदर्द की अवधि और गंभीरता को कम करने में उपयोगी हो सकता है।
एंटीडिप्रेसन्ट (antidepressant) – ट्राईसाइक्लिक एंटीडेप्रेसेंट्स (Tricyclic antidepressants) तनाव रहित लोगों में भी माइग्रेन को रोकने में प्रभावी हो सकते हैं।
एन्टी-सीज़र दवाएं (Anti-seizure drugs) – कुछ एन्टी-सीज़र दवाएं, जैसे कि वैलप्रोएट (valproate) और टोपरामेट (topiramate), माइग्रेन के बार-बार होने को कम करतीं हैं।