टाइफाइड क्या है?
टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से होता है, या इस बैक्टीरिया से ग्रस्त व्यक्ति के निकटतम संपर्क से।
औद्योगिक देशों में टाइफाइड ज्वर बहुत कम होता है लेकिन यह विकासशील देशों में, विशेष रूप से बच्चों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है। भारत में यह काफी आम होता है, जहां इसे मोतीझरा और मियादी बुखार (आंत्र ज्वर) के नाम से भी जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 2.1 करोड़ टाइफाइड के मामले होते हैं और 2.22 लाख टाइफाइड से ग्रसित लोगों की मौत होती है।
टाइफाइड कैसे फैलता है?
टाइफाइड का जीवाणु मनुष्यों के आंतों और रक्तप्रवाह में रहता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता है। यह संक्रमण हमेशा एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को ही होता है, और मनुष्यों तक किसी भी जानवर से नहीं पहुँचता है।
यदि उपचार नहीं किया जाए तो 4 में से 1 इंसान की टाइफाइड के कारण मौत हो जाती है और अगर उपचार किया जाए तो 100 मामलों में 4 से भी कम के लिए टाइफाइड घातक सिद्ध होगा।
साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मुंह में प्रवेश करता है और 1-3 सप्ताह तक आंत में रहता है। उसके बाद यह आंतों की दीवार से होते हुए खून में चला जाता है। खून के माध्यम से यह अन्य ऊतकों और अंगों में फैल जाता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली साल्मोनेला टाइफी से नहीं लड़ सकती क्योंकि यह बैक्टीरिया आपकी कोशिकाओं में बिना आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली से प्रभावित हुए सुरक्षित रह सकता है।
टाइफाइड का उपचार
आमतौर पर टाइफाइड का इलाज हो जाता है। लेकिन कुछ बैक्टीरिया की नस्लों पर आज कल एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं हो रहा है।
आमतौर पर टाइफाइड रोग के विकास की अवधि 1-2 सप्ताह है और बीमारी की अवधि लगभग 3-4 सप्ताह होती है। टाइफाइड के लक्षण हैं –
भूख न लगना
सिरदर्द रहना
शरीर में दर्द रहना
104 डिग्री फारेनहाइट से जायदा बुखार रहना
आलस रहना
दस्त होना
कई लोगों की छाती में कफ जम जाता है। पेट में दर्द और और पीड़ा भी होती है। बुखार तो रहता ही है पर अगर कोई दिक्कत ना आए, तो यह बीमारी तीन से चार सप्ताह में ठीक होने लगती है।
जो लोग एंटीबायोटिक्स से ठीक होते हैं, उनमें इस बीमारी के दोबारा होने की संभावना ज़्यादा होती है।
एक से दो सप्ताह बेहतर महसूस करने के बाद लगभग 10% लोगों में इस बीमारी के लक्षण फिर से दिखने लगते हैं।
टाइफाइड कैसे होता है?
साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति मल त्यागने या पेशाब करने के बाद यदि अपने हाथों को नहीं धोता है और भोजन को उसी हाथ से छूता है तो बैक्टीरिया भोजन में आ जाता है और अगर वो भोजन कोई दूसरा व्यक्ति खाता है तो वो व्यक्ति भी इसके बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है। बैक्टीरिया से दूषित शौचालय का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को बिना धोए मुँह को छूने से भी टायफाइड फैलता है।
यदि संक्रमित व्यक्ति नदी, नाले या पानी आपूर्ति के स्रोत के आसपास मल या मूत्र त्यागते हैं तो वो पानी दूषित हो जाता है और उस पानी में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया फैल जाती है। उसी दूषित पानी को पीना या भोजन को बनाने से पहले उस पानी में धोने से हमारे शरीर में टायफाइड का संक्रमण हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति के मल या मूत्र द्वारा दूषित जल के स्रोत से समुद्री भोजन यानि मछली या अन्य चीजों को खाने से भी टाइफाइड फैलता है।
संक्रमित मानव मल के खाद से उगाई गई सब्जी को कच्चा खाने से या फिर दूषित दूध उत्पादों के सेवन से भी टाइफाइड फैलता है।
साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ ओरल सेक्स या एनल सेक्स करने से भी टाइफाइड फैलता है।
इलाज किए बिना टाइफाइड बुखार से बचने वाले 20 व्यक्तियों में से 1 व्यक्ति संक्रमण फ़ैलने का कारण बन सकता है क्योंकि बिना टाइफाइड के लक्षण के उस व्यक्ति के शरीर में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया रहता है, और वह अपने मल या मूत्र के माध्यम से इसके संक्रमण को फैला सकता है।
टाइफाइड होने का जोखिम किन्हे अधिक होता है?
यदि आप निम्लिखित श्रेणी में आते है, तो आपको टाइफाइड होने का खतरा हो सकता है –
यदि आप उन क्षेत्रों में काम करते हैं या यात्रा करते हैं जहां टाइफाइड बुखार स्थानिक होता है।
यदि आप साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया से निपटने वाले सूक्ष्मजीवविज्ञानी के रूप में कार्य कर रहे है।
यदि आप किसी व्यक्ति से संपर्क में आ रहे है, जो संक्रमित है या हाल ही में टाइफाइड बुखार से संक्रमित हुआ है।
यदि आप सीवेज द्वारा दूषित पानी पी रहे है, जिसमें साल्मोनेला टायफी हो।
टाइफाइड होने से कैसे रोका जा सकता है?
कई विकासशील देशों में टाइफाइड से बचाव करने वाले उपायों की उपलब्धि थोड़ी मुश्किल हो सकती है, जैसे सुरक्षित पानी उपलब्ध करवाना, स्वच्छता बनाए रखना और उपयुक्त मेडिकल व्यवस्था करना आदि। इसी वजह से कुछ विशेषज्ञ अधिक मात्रा में टाइफाइड लोगों से बचाव करने के लिए टीकाकरण को ही सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं।
निम्न उपाय करने चाहिए:
हाथ धोना:
गर्म पानी व साबुन के साथ बार-बार हाथ धोना संक्रमण से बचाव करने के सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। खाना बनाने व खाने से पहले और टॉयलेट के बाद अपने हाथों को अच्छे से धोएं। अपने साथ अल्कोहल वाले सेनिटाइजर्स रखें और जहां पर पानी उपलब्ध ना हों इनका उपयोग करें।
बिना साफ किया पानी ना पिएं:
जिन क्षेत्रों में टाइफाइड का खतरा अधिक होता है, वहां पर खासतौर पर दूषित पानी की समस्या मिल जाती है। इस वजह से हमेशा बोतल या कैन आदि में बंद पानी या अन्य पेय पदार्थ ही पीने चाहिए। कार्बोनेटेड पानी बिना कार्बोनेट किए गए पानी के मुकाबले सुरक्षित होता है।
पीने वाले पानी में बर्फ ना मिलाएं। दांतों को ब्रश करने के लिए भी बोतल वाले पानी का इस्तेमाल करें और नहाते समय पानी मुंह के अंदर ना जाने दें
कच्चे फलों व सब्जियों को ना खाएं:
क्योंकि कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों व फलों को असुरक्षित पानी में धोया जा सकता है। खासकर ऐसी सब्जियों को ना खाए जिनका छिलका ना उतार पाएं, जैसे सलाद आदि। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए आपको कच्ची सब्जियों, फलों व बिना पके खाद्य पदार्थ खाना पूरी तरह से बंद कर ना पड़ सकता है।
गर्म आहार खाएं:
ऐसे खाद्य पदार्थों को ना खाएं जिनको सामान्य तापमान में रखा गया हो या बनाया गया हो। गर्म-गर्म ताजा पका भोजन ज्यादा सुरक्षित होता है। वैसे तो किसी भी बड़े से बड़े होटल में भी अच्छा व शुद्ध खाना मिलने की गारंटी नहीं होती, लेकिन फिर भी सड़क किनारे मिलने वाले वाले भोजन से बचना चाहिए क्योंकि इनका खाना दूषित होने की संभावना अधिक होती है।
अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचें –
यदि आप टाइफाइड बुखार से ठीक हो रहे हैं, तो कुछ उपाय की मदद से अन्य लोगों को भी आप से संक्रमित होने से बचाया जा सकता है:
एंटीबायोटिक दवाएं लें:
डॉक्टर के बताए जाने के अनुसार अपनी एंटीबायोटिक दवाओं को समय पर लेते रहें। यदि आप इलाज पूरा होने से पहले ही स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, फिर भी दवाओं को बीच में ना छोड़ें।
अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें:
अन्य लोगों में टाइफाइड का संक्रमण फैलने से बचाने के लिए नियमित रूप से हाथ धोते रहना एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है। हाथ धोने के लिए साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करें और हाथों को कम से कम 30 सेकेंड तक रगड़ कर धोएं। खासतौर पर खाना खाने से पहले और टॉयलेट जाने के बाद अपने हाथों को जरूर धोएं।
खुद से खाना ना बनाएं:
जब तक आप टाइफाइड से संक्रमित हैं, तब तक आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए खाना ना बनाएं। यदि आप किसी फूड इंडस्ट्री या स्वास्थ्य देखभाल सेवा में काम कर रहें हैं, तो आपको तब तक काम पर नहीं जाना चाहिए जब तक टेस्ट के रिजल्ट में आप पूरी तरह से संक्रमण रहित ना हो पाएं।
टाइफाइड का परीक्षण कैसे किया जाता है?
दूषित खान-पान के बाद, उनमें मौजूद साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया आंत्र तक पहुंच जाता है। खून में मौजूद सफ़ेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया को खून में ले जाती हैं, जहाँ वह गुणा करते हैं। इस समय के दौरान, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है। बैक्टीरिया अब पित्त प्रणाली में आ जाता है। और यहाँ आकर बहुत अत्याधिक मात्रा में गुणा करते हैं। इसके बाद बैक्टीरिया आंत्र मार्ग से होते हुए स्टूल में चलें जातें हैं। इसका निदान स्टूल सैंपल द्वारा किया जाता है। अगर परिक्षण ठीक नहीं आते तो, खून के या यूरिन के सेंपल से इसका परीक्षण किया जाता है।
टाइफाइड बुखार का इलाज – Typhoid Fever Treatment in Hindi
1. एंटीबायोटिक दवाएं
टाइफाइड बुखार के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं का सेवन ही एकमात्र प्रभावशाली तरीका है।
ज़्यादातर इस्तेमाल होने वाली दवाइयां –
सिप्रोफ्लोक्ससिन (Ciprofloxacin) – डॉक्टर अक्सर यह दवा लेने का सुझाव देते है। यह दवा गर्भवती महिलाओं को नहीं दी जाती है।
सेफ्ट्रीएक्ज़ोन (Ceftriaxone) – यह एंटीबायोटिक दवा इंजेक्शन द्वारा उन लोगों को दी जाती है, जिन्हे सिप्रोफ्लोक्ससिन नहीं दिया जा सकता। जैसे कि – छोटे बच्चे।
इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, और लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से इनका प्रभाव ख़त्म हो जाता है।
2. अन्य इलाजों में शामिल हैं:
तरल पदार्थों का सेवन करना:
यह लम्बे समय से रहने वाले बुखार और दस्त के कारण होने वाले निर्जलीकरण से बचाता है। अगर आप गंभीर रूप से निर्जलित है, तो आपको नसों द्वारा तरल पदार्थ दिया जा सकता है।
सर्जरी:
अगर आपकी आंत्र में छेद हो गए हैं, तो उन्हें ऑपरेशन से ठीक किया जाएगा।
टाइफाइड बुखार के अधिकांश मामलों का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जा सकता है। लेकिन अस्पताल में भरती होने की आवश्यकता पड़ सकती है यदि हालत गंभीर हो। निम्नलिखित कुछ आवश्यक उपाय हैं जिन्हें टाइफाइड बुखार से पीड़ित होने पर अगर आप अपनाएँगे तो ज़्यादा जल्दी ठीक हो जाएँगे।
3. टाइफाइड रोगियों के लिए भोजन सम्बन्धी कुछ टिप्स
क्या खाएं
जूस और सूप जैसे बहुत सारे तरल पदार्थ।
दूध और दूध आधारित पेय।
रिफाइंड अनाज (मैदा, सूजी, आदि) और उनके उत्पादों जैसे कम फाइबर वाले पदार्थ, धूलि हुई दाल, सॉफ्ट प्यूरी में अच्छी तरह से पकाई सब्जियां और उबला हुआ आलू।
अंडे, पनीर, मछली और चिकन जैसे प्रोटीन प्रदान करने वाले पदार्थ।
क्या नहीं खाना चाहिए
फाइबर की अधिक मात्रा वाले पदार्थ जैसे साबुत अनाज और उनके उत्पाद, साबुत दालें।
केला और पपीता को छोड़कर सभी कच्ची सब्जियां और फल।
तले हुए भोजन जैसे समोसे, पकोडे, लड्डू और हलवा।
उत्तेजक भोजन जैसे मसाले, अचार, चटनी और गेहन स्वाद वाली सब्जियों जैसे गोभी, शिमला मिर्च, शलगम, मूली, प्याज और लहसुन ना खायें।
टाइफाइड बुखार में एक बार में कम भोजन खाएं
टाइफाइड बुखार में आप भरपूर आराम करें, बहुत सारे तरल पदार्थ लें और नियमित भोजन खाएं। आप रोजाना तीन बड़े भोजन के बजाय, दिन में अधिक बार थोड़ा-थोड़ा खायें। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप हल्का महसूस करेंगे और आपका शरीर बेहतर महसूस करेगा।
टाइफाइड बुखार की सबसे गंभीर जटिलताएं – आंतों में खून बहना या आंतों में छेद – बीमारी के तीसरे हफ्ते में विकसित हो सकता है। छेद छोटी या बड़ी आंत्र में हो सकते हैं, जिनसे आंतों में मौजूद सामग्री पेट की अंदरूनी खोल में चली जाती है। इसकी वजह से गंभीर पेट दर्द, मतली, उल्टी और खून में संक्रमण (सेप्सिस) जैसे गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। इस जानलेवा स्थिति के लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।
अन्य संभावित जटिलताओं में शामिल हैं –
दिल की मांसपेशियों की सूजन
हृदय और वाल्वों की अंदरूनी परत में सूजन
निमोनिया
अग्न्याशय का सूजन
गुर्दा का संक्रमण या मूत्राशय का संक्रमण
आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आस-पास मौजूद मेम्ब्रेन और तरल पदार्थ का संक्रमण और सूजन (मैनिंजाइटिस)
मानसिक समस्याएं, जैसे कि
प्रलाप
मतिभ्रम
संविभ्रम (पैरानोया, Paranoia)
शीघ्र उपचार के साथ, औद्योगिक देशों में लगभग सभी लोग टाइफाइड बुखार से उभर सकते हैं। उपचार के बिना, कुछ लोग बीमारी की जटिलताओं से बच नहीं पाते हैं।